Friday, 3 October 2025

कविता. ५६४९. राहों की आहट अक्सर।

                            राहों की आहट अक्सर।

राहों की आहट अक्सर एहसास सुनाकर जाती है जज्बातों को उजालों की उमंग अफसाना सुनाकर जाती है।

राहों की आहट अक्सर अरमान सुनाकर जाती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया अफसाना सुनाकर जाती है।

राहों की आहट अक्सर सपना सुनाकर जाती है दिशाओं को दास्तानों की तलाश अफसाना सुनाकर जाती है।

राहों की आहट अक्सर कोशिश सुनाकर जाती है इशारों को उम्मीदों की सौगात अफसाना सुनाकर जाती है।

राहों की आहट अक्सर उम्मीद सुनाकर जाती है आशाओं को अंदाजों की पुकार अफसाना सुनाकर जाती है।

राहों की आहट अक्सर तलाश सुनाकर जाती है किनारों को जज्बातों की रोशनी अफसाना सुनाकर जाती है।

राहों की आहट अक्सर पहचान सुनाकर जाती है नजारों को दिशाओं की महफिल अफसाना सुनाकर जाती है।

राहों की आहट अक्सर सुबह सुनाकर जाती है एहसासों को कदमों की आहट अफसाना सुनाकर जाती है।

राहों की आहट अक्सर मुस्कान सुनाकर जाती है खयालों को अरमानों की कहानी अफसाना सुनाकर जाती है।

राहों की आहट अक्सर जज्बात सुनाकर जाती है आशाओं को बदलावों की सरगम अफसाना सुनाकर जाती है।

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