Sunday, 26 October 2025

कविता. ५६७२. आवाज की सरगम अक्सर।

                       आवाज की सरगम अक्सर।

आवाज की सरगम अक्सर उजालों को उम्मीद दिलाती है इशारों को जज्बातों की कहानी संग तलाश दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर अंदाजों को परख दिलाती है खयालों को नजारों की अहमियत संग अल्फाज दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर तरानों को पहचान दिलाती है बदलावों को धाराओं की सौगात संग अरमान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर आशाओं को कोशिश दिलाती है राहों को दास्तानों की पुकार संग आस दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर अफसानों को मुस्कान दिलाती है उजालों को एहसासों की आहट संग रोशनी दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर खयालों को दास्तान दिलाती है किनारों को लहरों की कहानी संग पहचान दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर धाराओं को रोशनी दिलाती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया संग इरादा दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर अरमानों को उमंग दिलाती है दिशाओं को अदाओं की पुकार संग अफसाना दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर दिशाओं को परख दिलाती है अंदाजों को एहसासों की सोच संग सुबह दिलाती है।

आवाज की सरगम अक्सर उम्मीदों को अल्फाज दिलाती है खयालों को सपनों की पुकार संग तराना दिलाती है।

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