Wednesday, 15 October 2025

कविता. ५६६१. अल्फाजों की दुनिया संग।

                        अल्फाजों की दुनिया संग।

अल्फाजों की दुनिया संग अरमानों को एहसास दिलाती है किनारों को कदमों की आस अक्सर जज्बात सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग आशाओं को दास्तान दिलाती है तरानों को बदलावों की कोशिश अक्सर जज्बात सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग आवाजों को धून दिलाती है लम्हों को सपनों की अहमियत अक्सर जज्बात सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग खयालों को राह दिलाती है दिशाओं को इरादों की पहचान अक्सर जज्बात सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग नजारों को लहर दिलाती है अफसानों को धाराओं की उमंग अक्सर जज्बात सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग उजालों को सरगम दिलाती है दास्तानों को लहरों की कहानी अक्सर जज्बात सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग दास्तानों को पहचान दिलाती है अदाओं को एहसासों की कोशिश अक्सर जज्बात सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग तरानों को मुस्कान दिलाती है खयालों को सपनों की पुकार अक्सर जज्बात सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग अंदाजों को रोशनी दिलाती है उम्मीदों को आशाओं की तलाश अक्सर जज्बात सुनाती है।

अल्फाजों की दुनिया संग धाराओं को आहट दिलाती है अरमानों को लम्हों की तलाश अक्सर जज्बात सुनाती है।

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कविता. ५६६१. अल्फाजों की दुनिया संग।

                        अल्फाजों की दुनिया संग। अल्फाजों की दुनिया संग अरमानों को एहसास दिलाती है किनारों को कदमों की आस अक्सर जज्बात सुनाती...