Friday, 31 October 2025

कविता. ५६७७. लहरों मे बसी कहानी।

                            लहरों मे बसी कहानी।

लहरों मे बसी कहानी एहसास सुहाना देती है जज्बातों को कदमों की आहट तलाश देती है अफसानों को सपनों की पुकार देती है।

लहरों मे बसी कहानी अरमान सुहाना देती है आशाओं को बदलावों की सौगात पहचान देती है खयालों को अंदाजों की पुकार देती है।

लहरों मे‌ बसी कहानी अल्फाज सुहाना देती है दास्तानों को नजारों की उमंग रोशनी देती है किनारों को कदमों की पुकार देती है।

लहरों मे बसी कहानी मुस्कान सुहाना देती है अदाओं को आवाजों की धून दास्तान देती है उजालों को इशारों की पुकार देती है।

लहरों मे बसी कहानी अंदाज सुहाना देती है तरानों को अफसानों की उम्मीद अहमियत देती है अल्फाजों को दिशाओं की पुकार देती है।

लहरों मे बसी कहानी परख सुहाना देती है अंदाजों को एहसासों की कोशिश बदलाव देती है धाराओं को उम्मीदों की पुकार देती है।

लहरों मे बसी कहानी सोच सुहाना देती है बदलावों को इशारों की तलाश आवाज देती है आवाजों को आशाओं की पुकार देती है।

लहरों मे बसी कहानी इरादा सुहाना देती है अरमानों को लम्हों की रोशनी उमंग देती है उम्मीदों को तरानों की पुकार देती है।

लहरों मे बसी कहानी अफसाना सुहाना देती है नजारों को दिशाओं की महफिल तलाश देती है अदाओं को राहों की पुकार देती है।

लहरों मे बसी कहानी बदलाव सुहाना देती है आशाओं को अंदाजों की आस उजाला देती है जज्बातों को अल्फाजों की पुकार देती है।


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कविता. ५६७७. लहरों मे बसी कहानी।

                            लहरों मे बसी कहानी। लहरों मे बसी कहानी एहसास सुहाना देती है जज्बातों को कदमों की आहट तलाश देती है अफसानों को सपन...