Tuesday, 28 October 2025

कविता. ५६७४. जज्बात संग मुस्कान कई।

                       जज्बात संग मुस्कान कई।

जज्बात संग मुस्कान कई इशारे देती है लम्हों को आशाओं की कहानी अक्सर तराने देती है खयालों के सपने देती है।

जज्बात संग मुस्कान कई किनारे देती है दिशाओं को एहसासों की कोशिश अक्सर अफसाने देती है अदाओं के सपने देती है।

जज्बात संग मुस्कान कई दास्ताने देती है कदमों को अल्फाजों की सोच अक्सर उजाले देती है बदलावों के सपने देती है।

जज्बात संग मुस्कान कई लहरे देती है अंदाजों को अदाओं की आहट अक्सर उम्मीदे देती है आशाओं के सपने देती है।

जज्बात संग मुस्कान कई नजारे देती है राहों को अरमानों की आस अक्सर राहे देती है किनारों के सपने देती है।

जज्बात संग मुस्कान कई कोशिशें देती है एहसासों को इरादों की पहचान अक्सर आवाजे देती है नजारों के सपने देती है।

जज्बात संग मुस्कान कई तराने देती है आवाजों को धाराओं की अहमियत अक्सर लहरे देती है अल्फाजों के सपने देती है।

जज्बात संग मुस्कान कई उम्मीदे देती है दास्तानों को दिशाओं की महफिल अक्सर किनारे देती है इशारों के सपने देती है।

जज्बात संग मुस्कान कई इरादें देती है तरानों को बदलावों की पुकार अक्सर लम्हे देती है अंदाजों के सपने देती है।

जज्बात संग मुस्कान कई अफसाने देती है राहों को आवाजों की धून अक्सर दास्ताने देती है अरमानों के सपने देती है।

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