Friday 17 February 2023

कविता. ४७२०. लम्हों कि रोशनी अक्सर।

                                लम्हों कि रोशनी अक्सर।

लम्हों कि रोशनी अक्सर अल्फाजों से एहसास दिलाती है नजारों को राहों कि मुस्कान अहमियत सुनाती है तरानों को अरमानों कि आहट देती है।

लम्हों कि रोशनी अक्सर जज्बातों से अफसाना दिलाती है उजालों को सपनों कि आस सरगम सुनाती है इशारों को दास्तानों कि आहट देती है।

लम्हों कि रोशनी अक्सर एहसासों से खयाल दिलाती है लहरों को इशारों कि सौगात अल्फाज सुनाती है अंदाजों को बदलावों कि आहट देती है।

लम्हों कि रोशनी अक्सर अरमानों से कोशिश दिलाती है इरादों को जज्बातों कि आस सुबह सुनाती है आशाओं को खयालों कि आहट देती है।

लम्हों कि रोशनी अक्सर आशाओं से दास्तान दिलाती है कदमों को उजालों कि पुकार मुस्कान सुनाती है किनारों को सपनों कि आहट देती है।

लम्हों कि रोशनी अक्सर कदमों से पहचान दिलाती है इरादों को नजारों कि कोशिश परख सुनाती है आवाजों को राहों कि आहट देती है।

लम्हों कि रोशनी अक्सर खयालों से किनारा दिलाती है अंदाजों को जज्बातों कि सौगात पहचान सुनाती है दिशाओं को उम्मीदों कि आहट देती है।

लम्हों कि रोशनी अक्सर आवाजों से अरमान दिलाती है अदाओं को दिशाओं कि कहानी खयाल‌ सुनाती है लहरों को कोशिश कि आहट देती है।

लम्हों कि रोशनी अक्सर नजारों से सपना दिलाती है किनारों को अफसानों कि समझ बदलाव सुनाती है उजालों को तरानों कि आहट देती है।

लम्हों कि रोशनी अक्सर दिशाओं से सरगम दिलाती है कदमों को उजालों कि राह सौगात सुनाती है इरादों को आशाओं कि आहट देती है।

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कविता. ५१६६. कोशिश की कहानी अक्सर।

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