Saturday, 25 February 2023

कविता. ४७२८. आवाज अक्सर दिशाओं कि।

                                 आवाज अक्सर दिशाओं कि।

आवाज अक्सर दिशाओं कि उमंग सुनाकर चलती है राहों को अंदाजों कि आस सरगम दिलाती रहती है तरानों कि पहचान संग आशाएं इशारा देती है।

आवाज अक्सर दिशाओं कि उम्मीद सुनाकर चलती है लम्हों को कदमों कि आहट खयाल दिलाती रहती है अदाओं कि परख संग राहें इशारा देती है।

आवाज अक्सर दिशाओं कि रोशनी सुनाकर चलती है जज्बातों को अल्फाजों कि मुस्कान बदलाव दिलाती रहती है नजारों कि सोच संग अदाएं इशारा देती है।

आवाज अक्सर दिशाओं कि कोशिश सुनाकर चलती है लहरों को दास्तानों कि समझ अफसाना दिलाती रहती है अंदाजों कि आस संग तराने इशारा देती है।

आवाज अक्सर दिशाओं कि सौगात सुनाकर चलती है सपनों को अरमानों कि सुबह पहचान दिलाती रहती है कदमों कि कहानी संग दास्ताने इशारा देती है।

आवाज अक्सर दिशाओं कि सोच सुनाकर चलती है जज्बातों को नजारों कि सोच कोशिश दिलाती रहती है खयालों कि समझ संग लहरे इशारा देती है।

आवाज अक्सर दिशाओं कि कहानी सुनाकर चलती है इरादों को अंदाजों कि समझ लम्हा दिलाती रहती है दास्तानों कि सौगात संग पुकार इशारा देती है।

आवाज अक्सर दिशाओं कि परख सुनाकर चलती है उम्मीदों को किनारों कि मुस्कान सहारा दिलाती रहती है कदमों कि आहट संग कोशिशें इशारा देती है।

आवाज अक्सर दिशाओं कि समझ सुनाकर चलती है नजारों को राहों कि तलाश अल्फाज दिलाती रहती है किनारों कि सोच संग अदाएं इशारा देती है।

आवाज अक्सर दिशाओं कि उमंग सुनाकर चलती है आशाओं को अदाओं कि समझ सौगात दिलाती रहती है जज्बातों कि पहचान संग राहें इशारा देती है।


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