Monday, 10 November 2025

कविता. ५६८७. किनारों पर आशाओं की।

                         किनारों पर आशाओं की।

किनारों पर आशाओं की महफिल एहसास दिलाती है अरमानों को कदमों की सौगात पहचान दिलाती है खयालों की सरगम सुनाती है।

किनारों पर आशाओं की पुकार बदलाव दिलाती है तरानों को अफसानों की उमंग जज्बात दिलाती है अंदाजों की सरगम सुनाती है।

किनारों पर आशाओं की आवाज परख दिलाती है दास्तानों को लहरों की कहानी अफसाना दिलाती है लम्हों की सरगम सुनाती है।

किनारों पर आशाओं की कोशिश इशारा दिलाती है दिशाओं को नजारों की तलाश मुस्कान दिलाती है राहों की सरगम दिलाती है।

किनारों पर आशाओं की रोशनी परख दिलाती है उजालों को इरादों की सोच बदलाव दिलाती है कदमों की सरगम दिलाती है।

किनारों पर आशाओं की उम्मीद अंदाज दिलाती है अल्फाजों को तरानों की आस अरमान दिलाती है आवाजों की सरगम दिलाती है।

किनारों पर आशाओं की आस दास्तान दिलाती है सपनों को उजालों की महफिल मुस्कान दिलाती है अफसानों की सरगम दिलाती है।

किनारों पर आशाओं की पहचान आहट दिलाती है दिशाओं को आवाजों की धून कोशिश दिलाती है उम्मीदों की सरगम दिलाती है।

किनारों पर आशाओं की उमंग खयाल दिलाती है कदमों को अदाओं की लहर रोशनी दिलाती है बदलावों की सरगम दिलाती है।

किनारों पर आशाओं की समझ सौगात दिलाती है राहों को एहसासों की आहट जज्बात दिलाती है इशारों की सरगम दिलाती है।


No comments:

Post a Comment

कविता. ५६८८. एहसासों की कहानी अक्सर।

                      एहसासों की कहानी अक्सर। एहसासों की कहानी अक्सर जज्बात दिलाती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया मुस्कान सुनाती है उम्मीदों...