Thursday, 13 November 2025

कविता. ५६९०. इशारों की तलाश अक्सर।

                          इशारों की तलाश अक्सर।

इशारों की तलाश अक्सर एहसास दिलाती है दास्तानों को लम्हों की कहानी मुस्कान दिलाती है कदमों को अल्फाजों की पहचान दिलाती है।

इशारों की तलाश अक्सर अरमान दिलाती है जज्बातों को बदलावों की उमंग कोशिश दिलाती है आशाओं को अंदाजों की पहचान दिलाती है।

इशारों की तलाश अक्सर सपना दिलाती है तरानों को अफसानों की सोच किनारा दिलाती है खयालों को नजारों की पहचान दिलाती है।

इशारों की तलाश अक्सर अंदाज दिलाती है किनारों को धाराओं की समझ सरगम दिलाती है लहरों को अरमानों की पहचान दिलाती है।

इशारों की तलाश अक्सर आवाज दिलाती है उजालों को आशाओं की महफिल तलाश दिलाती है उम्मीदों को राहों की पहचान दिलाती है।

इशारों की तलाश अक्सर रोशनी दिलाती है अंदाजों को जज्बातों की पुकार लम्हा दिलाती है आवाजों को अदाओं की पहचान दिलाती है।

इशारों की तलाश अक्सर अफसाना दिलाती है अदाओं को जज्बातों की आस सहारा दिलाती है किनारों को सपनों की पहचान दिलाती है।

इशारों की तलाश अक्सर परख दिलाती है राहों को खयालों की अहमियत अरमान दिलाती है उजालों को आशाओं की पहचान दिलाती है।

इशारों की तलाश अक्सर आहट दिलाती है नजारों को इरादों की सुबह लहर‌ दिलाती है धाराओं को दास्तानों की पहचान दिलाती है।

इशारों की तलाश अक्सर जज्बात दिलाती है अंदाजों को सपनों की परख कोशिश दिलाती है दिशाओं को तरानों की पहचान दिलाती है।

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कविता. ५६९९. आशाओं संग किनारों पर।

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