Thursday, 20 November 2025

कविता. ५६९७. उम्मीद कोई अक्सर।

                                उम्मीद कोई अक्सर।

उम्मीद कोई अक्सर इशारा देती है खयालों को नजारों की अहमियत आवाज देती है लहरों को उजालों की सुबह अल्फाज देती है।

उम्मीद कोई अक्सर कोशिश देती है तरानों को बदलावों की आस जज्बात देती है आशाओं को अंदाजों की राह अल्फाज देती है।

उम्मीद कोई अक्सर बदलाव देती है किनारों को सपनों की पुकार पहचान देती है आवाजों को इरादों की सौगात अल्फाज देती है।

उम्मीद कोई अक्सर आवाज देती है अंदाजों को अदाओं की सरगम अरमान देती है दास्तानों को नजारों की रोशनी अल्फाज देती है।

उम्मीद कोई अक्सर तलाश देती है धाराओं को राहों की आस एहसास देती है अफसानों को लम्हों की आस अल्फाज देती है।

उम्मीद कोई अक्सर अरमान देती है अरमानों को आशाओं की महफिल परख देती है एहसासों को राहों की कोशिश अल्फाज देती है।

उम्मीद कोई अक्सर समझ देती है कदमों को तरानों की आवाज पुकार देती है बदलावों को जज्बातों की रोशनी अल्फाज देती है।

उम्मीद कोई अक्सर मुस्कान देती है दिशाओं को सपनों की सोच आहट देती है लम्हों को इशारों की सरगम अल्फाज देती है।

उम्मीद कोई अक्सर अफसाना देती है अंदाजों को दास्तानों की सरगम पहचान देती है अदाओं को किनारों की उमंग अल्फाज देती है।

उम्मीद कोई अक्सर उजाला देती है राहों को अरमानों की कोशिश बदलाव देती है आशाओं को आवाजों की सोच अल्फाज देती है।

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