Tuesday, 25 November 2025

कविता. ५७०२. एक अदा संग आस अक्सर।

                       एक अदा संग आस अक्सर।

एक अदा संग आस अक्सर दास्तानों की पहचान दिलाती है लम्हों को किनारों के अंदाजों की पुकार एहसास दिलाती है‌।

एक अदा संग आस अक्सर तरानों की सरगम दिलाती है आवाजों को धाराओं के नजारों की अहमियत एहसास दिलाती है।

एक अदा संग आस अक्सर अफसानों की समझ दिलाती है लहरों को खयालों के इशारों की सोच एहसास दिलाती है।

एक अदा संग आस अक्सर अरमानों की कोशिश दिलाती है दिशाओं को बदलावों की कहानी एहसास दिलाती है।

एक अदा संग आस अक्सर जज्बातों की सौगात दिलाती है अरमानों को लहरों की आहट एहसास दिलाती है।

एक अदा संग आस अक्सर आवाजों की पुकार दिलाती है उजालों को सपनों की परख एहसास दिलाती है।

एक अदा संग आस अक्सर खयालों की रोशनी दिलाती है अफसानों को कदमों की अल्फाज एहसास दिलाती है।

एक अदा संग आस अक्सर बदलावों की कहानी दिलाती है उम्मीदों को तरानों की आहट एहसास दिलाती है।

एक अदा संग आस अक्सर अरमानों की मुस्कान दिलाती है आशाओं को आवाजों की धून एहसास दिलाती है।

एक अदा संग आस अक्सर सपनों की अहमियत दिलाती है अरमानों को उम्मीदों की तलाश एहसास दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

                       अरमानों की आहट अक्सर। अरमानों की आहट  अक्सर जज्बात दिलाती है लम्हों को एहसासों की पुकार सरगम सुनाती है तरानों को अफसा...