Thursday, 6 November 2025

कविता. ५६८३. बदलाव की मुस्कान संग।

                         बदलाव की मुस्कान संग।

बदलाव की मुस्कान संग आहट अक्सर एहसास दिलाती है अंदाजों को अरमानों की उमंग उम्मीद देकर जाती है।

बदलाव की मुस्कान संग रोशनी अक्सर अरमान दिलाती है जज्बातों को कदमों की सौगात पहचान देकर जाती है।

बदलाव की मुस्कान संग कोशिश अक्सर उजाला दिलाती है तरानों को इरादों की अहमियत कहानी देकर जाती है।

बदलाव की मुस्कान संग आवाज अक्सर आस दिलाती है अदाओं को एहसासों की समझ खयाल‌ देकर जाती है।

बदलाव की मुस्कान संग सौगात अक्सर तलाश दिलाती है दास्तानों को नजारों की पुकार इरादा देकर जाती है।

बदलाव की मुस्कान संग पहचान अक्सर रोशनी दिलाती है अफसानों को दिशाओं की धून कोशिश देकर जाती है।

बदलाव की मुस्कान संग सरगम अक्सर सपना दिलाती है उम्मीदों को अल्फाजों की दुनिया अरमान देकर जाती है।

बदलाव की मुस्कान संग आस अक्सर कोशिश दिलाती है आवाजों को धाराओं की सरगम सौगात देकर जाती है।

बदलाव की मुस्कान संग उम्मीद अक्सर इशारा दिलाती है अंदाजों को सपनों की रोशनी सोच देकर जाती है।

बदलाव की मुस्कान संग लहर‌ अक्सर अहमियत दिलाती है खयालों को किनारों की आस किनारा देकर जाती है।

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कविता. ५६८३. बदलाव की मुस्कान संग।

                         बदलाव की मुस्कान संग। बदलाव की मुस्कान संग आहट अक्सर एहसास दिलाती है अंदाजों को अरमानों की उमंग उम्मीद देकर जाती है...