Monday, 3 November 2025

कविता. ५६८०. उजालों को सपनों की।

                           उजालों को सपनों की।

उजालों को सपनों की लहर अफसाना दिलाती है उम्मीदों को तरानों की सरगम खयाल सुनाती है आशाओं की महफिल मुस्कान दिलाती है।

उजालों को सपनों की समझ अल्फाज दिलाती है अरमानों को लम्हों की कहानी बदलाव सुनाती है इरादों की पहचान मुस्कान दिलाती है।

उजालों को सपनों की सौगात अंदाज दिलाती है अंदाजों को नजारों की सुबह दास्तान दिलाती है किनारों की आस मुस्कान दिलाती है।

उजालों को सपनों की उमंग दास्तान दिलाती है इरादों को एहसासों की कोशिश आवाज दिलाती है लहरों की कहानी मुस्कान दिलाती है।

उजालों को सपनों की तलाश इशारा दिलाती है खयालों को नजारों की आस पहचान दिलाती है उम्मीदों की रोशनी मुस्कान दिलाती है।

उजालों को सपनों की आस जज्बात दिलाती है लम्हों को अरमानों की आहट पुकार दिलाती है दास्तानों की सुबह मुस्कान दिलाती है।

उजालों को सपनों की उम्मीद एहसास दिलाती है राहों को बदलावों की परख अरमान दिलाती है राहों की समझ मुस्कान दिलाती है।

उजालों को सपनों की आवाज उमंग दिलाती है कदमों को आशाओं की महफिल इरादा दिलाती है नजारों की पुकार मुस्कान दिलाती है।

उजालों को सपनों की सुबह लम्हा दिलाती है इशारों को जज्बातों की रोशनी अल्फाज दिलाती है लहरों की कहानी मुस्कान दिलाती है।

उजालों को सपनों की पुकार अरमान दिलाती है दिशाओं को अंदाजों की सोच खयाल दिलाती है इशारों की तलाश मुस्कान दिलाती है।

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कविता. ५६८०. उजालों को सपनों की।

                           उजालों को सपनों की। उजालों को सपनों की लहर अफसाना दिलाती है उम्मीदों को तरानों की सरगम खयाल सुनाती है आशाओं की मह...