Sunday, 23 November 2025

कविता. ५७००. लम्हों की कोशिश संग।

                            लम्हों की कोशिश संग।

लम्हों की कोशिश संग आशाओं की सरगम एहसास दिलाती है इशारों को जज्बातों की तलाश अक्सर अफसाना सुनाती है।

लम्हों की कोशिश संग अंदाजों की पहचान सुबह दिलाती है किनारों को तरानों की सौगात अक्सर अफसाना सुनाती है।

लम्हों की कोशिश संग कदमों की सोच अरमान दिलाती है जज्बातों को बदलावों की पुकार अक्सर अफसाना सुनाती है।

लम्हों की कोशिश संग एहसासों की पुकार मुस्कान दिलाती है अल्फाजों को राहों की कहानी अक्सर अफसाना सुनाती है।

लम्हों की कोशिश संग नजारों की आहट उमंग दिलाती है उम्मीदों को दास्तानों की आस अक्सर अफसाना सुनाती है।

लम्हों की कोशिश संग अरमानों की‌ धून नजारा दिलाती है सपनों को दिशाओं की महफिल अक्सर अफसाना सुनाती है।

लम्हों की कोशिश संग अदाओं की आवाज लहर दिलाती है एहसासों को उजालों की रोशनी अक्सर अफसाना सुनाती है।

लम्हों की कोशिश संग राहों की समझ किनारा दिलाती है आवाजों को धाराओं की पहचान अक्सर अफसाना सुनाती है।

लम्हों की कोशिश संग दास्तानों की सोच आस दिलाती है खयालों को दिशाओं की मुस्कान अक्सर अफसाना सुनाती है।

लम्हों की कोशिश संग उम्मीदों की सौगात इरादा दिलाती है अरमानों को आवाजों की अहमियत अक्सर अफसाना सुनाती है।

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