Sunday, 2 November 2025

कविता. ५६७९. इशारों को जज्बातों की।

                          इशारों को जज्बातों की।

इशारों को जज्बातों की रोशनी कहानी देती है आशाओं को अंदाजों की सरगम पहचान देती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया देती है।

इशारों को जज्बातों की पुकार अफसाना देती है किनारों को आवाजों की धून खयाल देती है लहरों को दिशाओं की दुनिया देती है।

इशारों को जज्बातों की समझ उमंग देती है एहसासों को नजारों की तलाश मुस्कान देती है खयालों को राहों की दुनिया देती है।

इशारों को जज्बातों की सोच अल्फाज देती है लम्हों को अरमानों की आस बदलाव देती है आशाओं को किनारों की दुनिया देती है।

इशारों को जज्बातों की पहचान सरगम देती है अंदाजों को सपनों की समझ आवाज देती है उजालों को उम्मीदों की दुनिया देती है।

इशारों को जज्बातों की परख सुबह देती है इरादों को अदाओं की सौगात अफसाना देती है धाराओं को अंदाजों की दुनिया देती है।

इशारों को जज्बातों की लहर समझ देती है अल्फाजों को राहों की कोशिश कहानी देती है तरानों को बदलावों की दुनिया देती है।

इशारों को जज्बातों की आवाज धून देती है लहरों को अरमानों की उमंग सुबह देती है दास्तानों को किनारों की दुनिया देती है।

इशारों को जज्बातों की सौगात उम्मीद देती है दिशाओं को दास्तानों की उम्मीद तलाश देती है कदमों को अदाओं की दुनिया देती है।

इशारों को जज्बातों की आवाज कोशिश देती है तरानों को अफसानों की सोच अहमियत देती है सपनों को अंदाजों की दुनिया देती है।

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कविता. ५६७९. इशारों को जज्बातों की।

                          इशारों को जज्बातों की। इशारों को जज्बातों की रोशनी कहानी देती है आशाओं को अंदाजों की सरगम पहचान देती है कदमों को अ...