Sunday 28 June 2015

कविता ३९. साये

                                                                       साये
क्या कहे उन सायों को जो आते जाते रहते है क्या कहे उन किनारों  के साथ जो साथ हमारे हमेशा ना रहते है
हर बार नहीं समज पाते हम उस दुनिया को क्यों की साये तो उस दुनिया को जिन्दगी दिया करते है
पर हमारे लिए तो वह अंधेरा ही बने क्यों की दूसरों की दुःख में हमे नहीं लगता की हम अपनी ख़ुशी चुनते है
उन सायों से दुनिया को चाहत ही सही पर उन सायों को हम कभी चाहते ही नहीं हर बार जो हम कोई उम्मीद करते है
बस उन सायों में ही कुछ मुश्किल पाते है साये में तो अंधेरा ही है दोस्तों फिर क्यों हम उन्ही में खुशियाँ ढ़ुढ़ते है
साये तो बस अंधियारे की उपज है उनमे बता नहीं लोग खुशियाँ क्यों ढूढ़ते है वह साये जिनमे जिन्दगी है
हमने आज तक उन्हें देखा ही नहीं कहते है लोग धूप में साये जरुरी होते है पर लोग उन्हें नहीं रात के सायों को चाहते है
हर बार हम जब उम्मीद से चले तभी रातों के सायों को ढूढ़ते नहीं माना की धूप में साया ही काम आता है पर इसका मतलब हम अंधेरे में भी उसे चाहे यह होता नहीं है
अगर साया हमें बचाने के लिए हो तो वह खूबसूरत है पर दूसरों को रुलानेवाला साया किस काम का नहीं है
साये तो कई तरह के जिन्दगी में होते है पर कौन से साये जरुरी है यह समजना भी बहोत जरुरी है
 बस हर साये की चाहत तो सही नहीं होगी कुछ फूल तो प्यारी खुशबू देते है पर हर फूल को सूंघना मुसीबत में कूदना होता है
अगर बात को समज लो तो बात होती है सही पर अगर गलत बात को समजो तो जिन्दगी का एक गलत ही फ़साना बनता है
हम हर बार समजने की कोशिश में रहते है फिर भी सही तो हमेशा सही ही रहता है क्यों की जिन्दगी के हर मोड़ पर साये होते है
पर सही साया ही जिन्दगी भर हमारा साथ निभाता है हमे समजना चाहिये उन सायों को हर पल तभी तो सही साया हमें हासिल होता है
क्यों की सही साया तो वह साया होगा जिसे समजना थोड़ा मुश्किल होता है पर उसे ही अगर  ढूढे तो वह साथ देता है
अंधेरे का साया सिर्फ मुसीबत देता है तो सिर्फ साया होना जिन्दगी में काफी नहीं है दोस्तों उसे उजाले  में होना जरुरी होता है 

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४७. अरमानों को दिशाओं की कहानी।

                       अरमानों को दिशाओं की कहानी। अरमानों को दिशाओं की कहानी सरगम सुनाती है इशारों को लम्हों की पहचान बदलाव दिलाती है लहरों...