Friday 26 June 2015

कविता ३५. उड़ते हुए ख्वाब

                                                              उड़ते हुए ख्वाब
उन रास्त्तो में चलते है जिन्हे मन हर बार चाहे सारी दिशाए दिखती है हर मोड़ पर नयी बाते हम हर ओर
पर चलते है और हर उम्मीद में समज पाये वह फसाने जिन्हे दिल माँगे और चाहे दिल नहीं जानता किस ओर
वह जाये बस यही जानता है रास्त्ते पर ढूढ़ते है सारी सोच और सारी तरह के साये पर उन सायो में किसी ओर
नयी सोच हर बार हमने देखी सायों के अंदर दूसरी तरह की सोच जाने  क्युकी वह नयी सोच जिंदगी के ओर
नयी नज़र से देखना सिखाती है सारे तरह के रास्त्ते नये सपने दिखाते है सारे सपने हमें नयी चीज़ के ओर
हर बार लाते है हम समजते की हम जिन्दगी को समज चुके है पर हर बार नयी सोच हर पल में किसी ओर
लेके जाते है रस्तों में कई ख्वाब है लेकिन उन्हें हम सही तरह से ना पाते है जब रास्त्ते हमारे लिए और
कई चीज़े हम बड़ी खूबसूरती से लाते है कितने सारे सपने जो मन को लुभाते है वही क्यों जिन्दगी हमारे और
लेके आती है वही सपने जो हम जिन्दगी में बार बार पाते है वह ख्वाब हमें नयी तरह से दिखाते है और
उसी अनमोल सपनों में कई तरह की चीज़े मन को छू लेती है सारे खयाल इसी सपने में ही खो जाते है और
फिर जिन्दगी के नयी शुरुवात हर बार हमारे दिल को ख़ुशी और तस्सली देते है हम जिन्दगी में और
कई रास्त्तो से जाते है पर वह सारे सपने हमारे दिल को छू जाते है वह सपने अपने दिल को ख़ुशी देते है और
वही सारे सपने है जिसमे हर कई नयी चीज़े उस ख्वाब में तैयार रखते है सारे तरीके उनके सारे सपने अच्छे और
प्यारे ख्वाब जिनमे नयी सोच जिसमे हम नयी शुरुवात जिन्दगी में हर बार नयी सोच हम रखते है और
हम सब नये सपने अपने  मन से बनाते है और उन सपनों को कभी कभी ऐसे भी पंख मिल जाते है और
उनके सहारे हम उड़ जाते है की हम कभी भी सोच नहीं पाते है की अगर गिर जाये तो क्युकी वह सपने इस ओर
हमे ले जाते है जहाँ हम बस उड़ते है और उड़ना चाहते है हमारी सारी सोच हमे इतनी ख़ुशी देती है की और
कोई सोच हम दिल में ही नहीं रख पाते है तो सारी सोच हमे ख़ुशी देती है उसी सोच में मन में मासूम ख़याल आते है  और
 मन में ख़ुशी और अच्छे खयाल दिल में लाते है सारे सपने बहुत सारी ख़ुशी पाते है और मन को तस्सली दे जाते है
हम तो सिर्फ उन ख्वाबों के ओर उड़ाते जाते है हमे लगता है बस यही जिन्दगी है जिस में ख़ुशी जाते है

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