Wednesday 3 August 2016

कविता. ८४२. हवाओं को समझ लेना।

                                                 हवाओं को समझ लेना।
हवाओं को समझ लेना ही जीवन कि कहानी होती है पर हर हवाओं के सामने झुक जाने कि जरुरत हमे जीवन मे हर बार होती है अलग तरह कि सोच रखने कि जरुरत होती है।
हवाओं को समझ लेना ही तो जीवन कि अलग निशानी होती है जो जीवन को कई तरह के मकसद और मतलब देकर हर मोड पर और हर पल आगे बढती रहती है।
हवाओं को समझ लेना ही तो जीवन कि सुबह होती है जिसे समझ लेते है जीवन मे वह कहानी हर बार जुदा दिखती रहती है एहसास बदलकर आगे बढती है।
हवाओं को समझ लेना जीवन कि जरुरत हर बार होती है पर उनके अंदर उम्मीदों का हौसला हर पल छुपा रहता है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर पल होती है।
हवाओं को समझ लेना ही तो हमारे जीवन कि प्यास हर बार होती है जो हमे आगे लेकर जाती है पर सही दिशाए दे तो ही हवाओं कि पहचान अलग होती है रफ्तार अलग होती है।
हवाओं को समझ लेना ही तो जीवन कि सच्ची प्यास होती है जो हमे आगे ले जाने कि उम्मीदे हर बार दे जाती है जो दुनिया बदलती नजर हर बार आती है।
हवाओं को समझ लेना ही तो जीवन कि अावाज होती है जो जीवन को अलग एहसास भी अक्सर देकर आगे बढती जाती है पर उनका सही होना ही जीवन कि आस होती है।
हवाओं को समझ लेना ही तो जीवन कि कहानी बताकर आगे चलती है जीवन को दुनिया कि अलग दिशाए दे जाती है जीवन मे अलग तरह कि प्यास दे जाती है
हवाओं के समझ लेना ही दुनिया कि ताकद बनती है जो दुनिया को खुद कि अपनी ताकद और आस देती है जो जीवन को मकसद देकर आगे चलती जाती है।
हवाओं के समझ लेना तो जरुरी लगता है पर हवाओं मे गलत दिशाए हो तो उनकी खिलाफत ही जीवन कि सच्ची रोशनी और मकसद बन पाती है।

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