Thursday 18 August 2016

कविता. ८७२. बहारों को समझकर।

                                     बहारों को समझकर।
बहारों को समझकर जीवन को अलग तरह के मकसद मिल जाते है जो जीवन को उम्मीदे अलग तरह कि हर बार देकर जाते है जीवन मे खुशियाँ देकर आगे चलते जाते है उम्मीदों के किनारे हर पल देकर आगे निकल जाते है।
बहारों को समझकर जीवन कि कहानी को कई रंगों मे समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है जिसे परख लेने कि चाहत हर बार होती है जिसे समझ लेने कि आदत हर बार होती है जो जीवन को नये एहसासों मे अंदाज मे समझ लेती है।
बहारों को समझकर जीवन कि धारा को परख लेने कि जरुरत हर बार होती है अहमियत तो जीवन कि सोच होती है जिसे परखकर ही तो दुनियामे हमे आगेबढते रहने कि जरुरत हर पल होती है क्योंकि वही तो जीवन कि उम्मीदे होती है।
बहारों को समझकर जीवन कि कहानी हर बार नये किस्से सुनाती जाती है जिन्हे समझ लेने कि जरुरत हर बार जीवन को अलग तरह कि होती है जो जीवन को अलग तरह कि रोशनी देकर आगे चलते जाने कि उम्मीदे देकर जाती है।
बहारों को समझकर जीवन कि कहानी कई रंगों मे तसल्ली देकर चलती जाती है क्योंकि बहारों को समझ लेने कि जरुरत जीवन कि हर कहानी कि हकिकत होती है जो हर पल आगे लेकर जाती है हरीयाली को आगे लेकर आती है।
बहारों को समझकर दुनिया कि अलग तरह कि हकिकत बन जाती है जो जीवन का रंग हर एक मौके पर बदलती जाती है जो जीवन को हर बार अलग किसम कि समझ देकर आगे जाती है जीवन को नई रफ्तार दे जाती है।
बहारों को समझकर ही तो हर बार दुनिया कि कहानी बनती है पर कभी कभी बहारों मे ही जिन्दगी उलझ जाती है जो जीवन मे आखिर मुश्किल ले आती है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है क्योंकि बहारों ही तो हमारी दुनिया नही होती है।
बहारों को समझकर आगे बढते जाने कि उम्मीदे जीवन को हर बार होती है जो जीवन कि दिशाए बदलती जाती है जो जीवन को समझ अलग किसम कि दे जाती है उम्मीदे  देकर आगे चलती जाती है जो जीवन कि नई रफ्तार के साथ सही करने का मौका दे जाते है।
बहारों को समझकर दुनिया कई रंगों के किस्से सुनाती है जिनमे कई मौकों मे चीजे बदलती हुई हर बार नजर आती है जो जीवन को नई रफ्तार और सोच देकर आगे चलती जाती है बहारों को ही कई बार चीजों को सही करने कि इजाजत होती है।
बहारों को समझकर आगे चलते रहने कि जरुरत हर बार होती है क्योंकि बहारों को अलग तरह कि इजाजत होती है जिसमे चीजों को सही करने कि आदत हर बार होती है इसलिए तो गमों मे भी बहारों कि अहमियत होती है क्योंकि वही तो हमे बदलती रहती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१५१. अंदाजों को इरादों की।

                               अंदाजों को इरादों की। अंदाजों को इरादों की समझ जज्बात दिलाती है इशारों को लम्हों की कहानी तलाश देकर जाती है अ...