Friday 5 August 2016

कविता. ८४७. बार बार जीवन मे।

                                          बार बार जीवन मे।
बार बार जीवन मे कुछ मोड तो आते रहते है जो जीवन कि चिंगारी को सुलगाते रहते है पर यह बस हम पर रहता है क्या हम उन्हे परख लेते है जीवन कि धारा को कैसे समझ लेते है।
बार बार जीवन मे कुछ राहों पर हम ऐसे दिये जलाते है जिनकी रोशनी को समझकर हम दुनिया को परख लेना हर पल हम हर राह पर अक्सर चाहते रहते है।
बार बार जीवन मे कुछ दिशाओं को समझ लेना चाहते है उन दिशाओं से हम गुजर जाते है जिन्हे हम परख लेना हर मोड पर हर साँस के संग हम अक्सर चाहते है।
बार बार जीवन मे कई खयालों को समझ लेना चाहते है जिन्हे समझकर आगे बढने कि सोच के अंदर कि ताकद को हम हर पल मे समझ लेते है जिसे हम जीना चाहते है।
बार बार जीवन मे सही बात को जब हम दोहराते है जीवन कि धारा मे हम कई तरह कि खुशियाँ मेहसूस करते जाते है हम उन्हे परख लेना हर बार दिल से चाहते है।
बार बार जीवन मे सही खयाल तो हम रखते जाते है जो जीवन कि धारा को समझकर आगे चलते रहना चाहते है जो जीवन को सही मोड के एहसास देकर आगे चलते जाते है।
बार बार जीवन मे राह को समझकर आगे चलते जाने कि जरुरत होती है बार बार राहे ही तो हमे उम्मीदे देकर आगे लेकर चलती रहती है जो दिशाए दे जाती है।
बार बार जीवन मे आगे बढते जाने कि जरुरत तो रहती है जीवन कि कहानी हर मोड पर हर धारा मे आगे बहती रहती है जो जीवन को बदलती रहती है दिशाए अलग मिलती है।
बार बार जीवन मे कई किनारों से कहानियाँ बनती है जो जीवन को हर मोड पर नया एहसास देकर आगे चलती है जो किनारों से ज्यादा जीवन को परखती रहती है।
बार बार जीवन मे कई खयालों को समझ लेने कि जरुरत जीवन मे हर दिशा मे रहती है जो जीवन को अलग एहसास के संग आगे लेकर हर कदम पर चलती है उम्मीदे दे जाती है।

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