Friday 5 August 2016

कविता. ८४६. गहने को समझ लेना।

                                         गहने को समझ लेना।
गहने को समझ लेते है तो मन कि खुशियाँ ही सबसे प्यारी लगती है जो जीवन को उम्मीदे दे जाये वही उम्मीदों कि परछाई लगती है जो आगे बढती रहती है।
गहने को समझ लेते है तो खुबसूरती अहम चीज लगती है गहने को परखकर जीवन कि कहानी को आगे बढते रहने कि जरुरत हर पल मे अक्सर होती है।
गहने को समझ लेते है तो उसकी खुबसूरती दिखती है जो हमे अलग अलग तरीके से उजागर होती है जिसके अंदर जीवन कि कहानी नया एहसास देकर चलती है।
गहने तो कई तरह के होते है जो सुंदर तो होते है पर सच्चा गहना तो मन कि खुशियों का होता है जो जीवन को पहचान अलगसी देकर आगे बढते चला जाता है।
गहने तो कई तरह के होते है एहसास तो हर पल देकर जाते है उनमे खुबसूरती के एहसास छुपे रहते है पर मन कि तसल्ली तो बस देनेवाले कि आँखों मे दिखती है।
गहने को समझ लेते है लोग दौलत मे काश उसे एहसास मे भी समझ पाते तो जीवन कि सारी कहानी को अलग समझ मे परखकर दुनिया मे हर तरह कि खुशियाँ पा लेते है।
गहने को समझ लेते है तो उसके अंदर के एहसास को समझ लेना ही भूलाकर आगे चलते चले जाते है जीवन मे कई तरह के काटों कि सौगाद को हासिल कर जाते है।
गहने तो कई तरह कि सोच देकर जाते है जिनमे हम दुनिया के कई एहसासों को समझ लेते है जो हमे छुपे हर पल हर मोड पर दिखते रहते है जिन्हे समझ लेना जरुरी हर बार होता है।
गहने तो कई तरह से हमे समझ लेते है यादों को जोड लो पर हम दौलत को हर बार जोडते है उन गहनों मे ही हम अक्सर जब यादों से जोडते है वह साँसों से जुडते चले जाते है।
हम गहने को समझ लेते है  दौलत पर उनके एहसास छुपे रहते है उन एहसासों के ही तो सपने जीवन को खुशियाँ देकर आगे बढते रहते है उनमे हम हर पल खुशियाँ पाते रहते है।

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