Wednesday 10 August 2016

कविता. ८५७. कभी कभी कुछ ऐसा लगता है।

                                   कभी कभी कुछ ऐसा लगता है।
कभी कभी कुछ ऐसा लगता है जीवन का मंजर अनजान बनता है दुनिया को अलग तरह का बदलाव देता है जीवन का मकसद बदलता है।
कभी कभी कुछ ऐसा लगता है जीवन को मंजिल कि चाहत तो होती है पर हर पल उसका एहसास बदलता रहता है जो जीवन को अलग तरह कि साँसे दे जाता है।
कभी कभी कुछ इस तरह से राहे अपना जीवन बदलती है कि उनका एक अलग किस्सा बनता है जो जीवन का एहसास हर मौके पर बदलकर आगे चलता है।
कभी कभी कुछ राह ऐसे बताती है कि दुनिया अपने एहसासों को बदलकर जाती है उस बदलाव को समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है जो आगे लेकर चलती है।
कभी कभी कुछ राह ऐसे मुडती है जो जीवन को अलग किसम का एहसास देकर आगे चलती है जिसे राह को परख लेने कि जरुरत हर पल होती है।
कभी कभी जीवन को समझ लेने मे ही तो रोशनी दिखती है पर कभी कभी बिना समझे ही जीवन कि बात आगे लेकर चलती है दिशाए बदलती है।
कभी कभी जीवन मे आगे बढते रहने कि ताकद जरुरत हर बार होती है जो हर पल जीवन को नई उम्मीदे और रफ्तार रहती है जो आगे चलती रहती है।
कभी कभी जीवन मे आगे बढते जाने कि जरुरत हर बार रहती है जो जीवन कि कहानी बदलकर आगे चलती रहती है जो जीवन को अलग किसम का एहसास दे जाती है।
कभी कभी जीवन मे आगे बढते जाने कि जरुरत जीवन को हर बार अलग तरीके का एहसास दे जाती है जीवन मे रोशनी हर पल मिलती रहती है।
कभी कभी जीवन मे आगे जाने कि जरुरत हर बार अहम होती है जो हमे नई सुबह और उसकी उम्मीदे देकर आगे बढती रहती है जो जीवन को अलग एहसास दे जाती है।

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