Monday, 17 April 2023

कविता. ४७७९. इशारों कि सौगात से।

                                 इशारों कि सौगात से।

इशारों कि सौगात से अदाओं कि तलाश सहारा देती है दास्तानों को एहसासों कि समझ कोशिश सुनाती है अरमानों को दिशाओं कि कहानी सुनाती है।

इशारों कि सौगात से दास्तानों कि परख रोशनी देती है अंदाजों को बदलावों कि सोच इरादा सुनाती है तरानों को उजालों कि कहानी सुनाती है।

इशारों कि सौगात से अफसानों कि राह किनारा देती है कदमों को उजालों कि सुबह बदलाव सुनाती है लहरों को नजारों कि कहानी सुनाती है।

इशारों कि सौगात से कदमों कि आहट खयाल देती है आशाओं को अल्फाजों कि मुस्कान तलाश सुनाती है इरादों को कदमों कि कहानी सुनाती है।

इशारों कि सौगात से एहसासों कि रोशनी कोशिश देती है किनारों को सपनों कि आस सरगम सुनाती है आशाओं को अदाओं कि कहानी सुनाती है।

इशारों कि सौगात से तरानों कि पहचान सपना देती है जज्बातों को अंदाजों कि परख लहर सुनाती है उम्मीदों को अफसानों कि कहानी सुनाती है।

इशारों कि सौगात से अरमानों कि पुकार सुबह देती है आवाजों को राहों कि पहचान कोशिश सुनाती है एहसासों को उम्मीदों कि कहानी सुनाती है।

इशारों कि सौगात से उजालों कि परख तराना देती है कदमों को उजालों कि रोशनी तलाश सुनाती है अंदाजों को बदलावों कि कहानी सुनाती है।

इशारों कि सौगात से लम्हों कि एहसास अंदाज देती है दास्तानों को अदाओं कि पुकार आवाज सुनाती है किनारों को सपनों कि कहानी सुनाती है।

इशारों कि सौगात से किनारों कि कोशिश खयाल देती है राहों को बदलावों कि सौगात आस सुनाती है तरानों को अरमानों कि कहानी सुनाती है।


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