Monday, 24 April 2023

कविता. ४७८६. उमंग को‌ दिशाओं कि।

                                     उमंग को‌ दिशाओं कि।

उमंग को‌ दिशाओं कि पहचान से आशाओं कि कहानी मिलती है राहों को अंदाजों कि सुबह दास्तान दिलाती है अल्फाजों को उजालों कि पुकार सुनाती है।

उमंग को‌ दिशाओं कि समझ से अदाओं कि परख मिलती है दास्तानों को एहसासों कि रोशनी खयाल दिलाती है लम्हों को बदलावों कि पुकार सुनाती है।

उमंग को‌ दिशाओं कि सोच से कदमों कि आहट मिलती है लहरों को इशारों कि सौगात तलाश दिलाती है आवाजों को राहों कि पुकार सुनाती है।

उमंग को‌ दिशाओं कि कोशिश से आवाजों कि धून मिलती है नजारों को खयालों कि सुबह बदलाव दिलाती है कदमों को अदाओं कि पुकार सुनाती है।

उमंग को‌ दिशाओं कि सौगात से दास्तानों कि समझ मिलती है तरानों को अरमानों कि कोशिश सहारा दिलाती है किनारों को सपनों कि पुकार सुनाती है।

उमंग को‌ दिशाओं कि तलाश से किनारों कि मुस्कान मिलती है इशारों को दास्तानों कि कहानी अफसाना दिलाती है कदमों को आवाजों कि पुकार सुनाती है।

उमंग को‌ दिशाओं कि परख से उजालों कि कहानी मिलती है अंदाजों को जज्बातों कि मुस्कान पहचान दिलाती है अदाओं को किनारों कि पुकार सुनाती है।

उमंग को‌ दिशाओं कि रोशनी से तरानों कि सुबह मिलती है अल्फाजों को राहों कि सौगात आस दिलाती है इरादों को नजारों कि पुकार सुनाती है।

उमंग को‌ दिशाओं कि आहट से अरमानों कि परख मिलती है खयालों को नजारों कि कोशिश तलाश दिलाती है अंदाजों को बदलावों कि पुकार सुनाती है।

उमंग को‌ दिशाओं कि सरगम से अदाओं कि पुकार मिलती है दास्तानों को अल्फाजों कि राह नजारा दिलाती है जज्बातों को कदमों कि पुकार सुनाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

                       अरमानों की आहट अक्सर। अरमानों की आहट  अक्सर जज्बात दिलाती है लम्हों को एहसासों की पुकार सरगम सुनाती है तरानों को अफसा...