Wednesday, 19 April 2023

कविता. ४७८१. उजालों कि सौगात।

                                      उजालों कि सौगात 

उजालों कि सौगात तलाश दिलाती है कदमों कि आहट एहसास देकर जाती है किनारों को लहरों से मिलकर सपना सुनाती है अफसानों कि कोशिश देती है।

उजालों कि सौगात तराना दिलाती है लम्हों कि राह अफसाना देकर जाती है खयालों को दिशाओं से जुड़कर नजारा सुनाती है आवाजों कि कोशिश देती है।

उजालों कि सौगात परख दिलाती है लहरों कि सरगम दास्तान देकर जाती है उम्मीदों को इशारों से मिलकर आस सुनाती है जज्बातों कि कोशिश देती है।

उजालों कि सौगात पुकार दिलाती है आवाजों कि रोशनी खयाल देकर जाती है सपनों को अंदाजों से जुड़कर लम्हा सुनाती है तरानों कि कोशिश देती है।

उजालों कि सौगात किनारा दिलाती है अंदाजों कि आहट बदलाव देकर जाती है अरमानों को कदमों से मिलकर आवाज सुनाती है राहों कि कोशिश देती है।

उजालों कि सौगात अरमान दिलाती है दिशाओं कि पुकार अल्फाज देकर जाती है अंदाजों को दास्तानों से जुड़कर लहर सुनाती है नजारों कि कोशिश देती है।

उजालों कि सौगात रोशनी दिलाती है आशाओं कि धून खयाल देकर जाती है अफसानों को जज्बातों से मिलकर आवाज सुनाती है दिशाओं कि कोशिश देती है।

उजालों कि सौगात बदलाव दिलाती है खयालों कि राह पहचान देकर जाती है इशारों को तरानों से जुड़कर नजारा सुनाती है अरमानों कि कोशिश देती है।

उजालों कि सौगात आस दिलाती है कदमों कि पुकार अल्फाज देकर जाती है अल्फाजों को लम्हों से मिलकर सपना सुनाती है अंदाजों कि कोशिश देती है।

उजालों कि सौगात तलाश दिलाती है अदाओं कि बदलाव अदा देकर जाती है अफसानों को जज्बातों से जुड़कर सुबह सुनाती है लहरों कि कोशिश देती है।

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