Thursday 29 June 2023

कविता. ४८५२. किनारों को सपनों से।

                                      किनारों को सपनों से।      ‌‌

‌किनारों को सपनों से अंदाजों की रोशनी सुबह दिलाती है आशाओं से तरानों की पहचान तलाश दिलाती है कदमों को अदाओं की परख दिलाती है।

किनारों को सपनों से आवाजों की धून पहचान दिलाती है लहरों से अल्फाजों की मुस्कान सौगात दिलाती है दास्तानों को राहों की परख दिलाती है।

किनारों को सपनों से अरमानों की पुकार अफसाना दिलाती है नजारों से इरादों की आवाज आस दिलाती है जज्बातों को कदमों की परख दिलाती है।

किनारों को सपनों से इशारों की कोशिश खयाल‌ दिलाती है लम्हों से अदाओं की पुकार एहसास दिलाती है अदाओं को दिशाओं की परख दिलाती है।

किनारों को सपनों से बदलावों की आहट‌ दास्तान दिलाती है खयालों से आवाजों की धून अदा दिलाती है नजारों को अरमानों की परख दिलाती है।

किनारों को सपनों से कदमों की लहर आवाज दिलाती है अंदाजों से नजारों की सोच अफसाना दिलाती है उजालों को इरादों की परख दिलाती है।

किनारों को सपनों से अफसानों की समझ तराना दिलाती है इशारों से दिशाओं की कहानी अंदाज दिलाती है लहरों को आवाजों की परख दिलाती है।

किनारों को सपनों से अल्फाजों की मुस्कान उमंग दिलाती है खयालों से तरानों की सौगात उम्मीद दिलाती है आशाओं को अंदाजों की परख दिलाती है।

किनारों को सपनों से राहों की अहमियत रोशनी दिलाती है उजालों से एहसासों की समझ बदलाव दिलाती है अदाओं को इशारों की परख दिलाती है।

किनारों को सपनों से अदाओं की तलाश पहचान दिलाती है कदमों से धाराओं की‌ सोच अफसाना दिलाती है जज्बातों को दास्तानों की परख दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६६. कोशिश की कहानी अक्सर।

                              कोशिश की कहानी अक्सर। कोशिश की कहानी अक्सर अरमानों की पुकार सुनाती है दास्तानों को एहसासों की रोशनी सौगात दिला...