Tuesday, 11 October 2022

कविता. ४५९१. सपनों से आवाजों कि।

                                              सपनों से आवाजों कि।

सपनों से आवाजों कि पुकार अरमान दिलाती है जज्बातों कि समझ अक्सर इशारे देती है कदमों को अदाओं कि मुस्कान सहारा देती है।

सपनों से आवाजों कि सरगम आस दिलाती है लहरों कि पहचान अक्सर राहे देती है किनारों को जज्बातों कि सोच सहारा देती है।

सपनों से आवाजों कि धून पहचान दिलाती है लम्हों कि रोशनी अक्सर नजारे देती है दास्तानों को एहसासों कि समझ सहारा देती है।

सपनों से आवाजों कि लहर अफसाना दिलाती है उम्मीदों कि सौगात अक्सर किनारे देती है उजालों को आशाओं कि उमंग सहारा देती है।

सपनों से आवाजों कि कोशिश सुबह दिलाती है दिशाओं कि सरगम अक्सर तराने देती है खयालों को अंदाजों कि आस सहारा देती है।

सपनों से आवाजों कि रोशनी लहर दिलाती है दास्तानों कि सोच अक्सर उजाले देती है इशारों को बदलावों कि सौगात सहारा देती है।

सपनों से आवाजों कि उमंग अल्फाज दिलाती है एहसासों कि कोशिश अक्सर लम्हे देती है अफसानों को दिशाओं कि पहचान सहारा देती है।

सपनों से आवाजों कि सुबह आस दिलाती है कदमों कि आहट अक्सर दास्ताने देती है अंदाजों को किनारों कि सोच सहारा देती है।

सपनों से आवाजों कि दास्तान उमंग दिलाती है अरमानों कि राह अक्सर उम्मीदे देती है दिशाओं को नजारों कि आस सहारा देती है।

सपनों से आवाजों कि समझ अंदाज दिलाती है उम्मीदों कि लहर अक्सर अफसाने देती है कदमों को खयालों कि परख सहारा देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५४७८. एक कोशिश अक्सर।

                       एक कोशिश अक्सर। एक कोशिश अक्सर एहसास सुनाती है खयालों संग नजारों की आस अरमान जगाती है किनारों को कदमों की सौगात दिलात...