Tuesday, 4 October 2022

कविता. ४५८४. इशारों पर एहसासों कि।

                               इशारों पर एहसासों कि।

इशारों पर एहसासों कि रोशनी कोशिश देती है अंदाजों से किनारों कि मुस्कान दास्तान दिलाती है आशाओं को बदलावों कि लहर सहारा देती है।

इशारों पर एहसासों कि समझ सरगम देती है खयालों से आशाओं कि सरगम सोच दिलाती है लम्हों को अफसानों कि रोशनी सहारा देती है।

इशारों पर एहसासों कि सौगात किनारा देती है लहरों से जज्बातों कि सुबह पहचान दिलाती है अदाओं को तरानों कि सोच सहारा देती है।

इशारों पर एहसासों कि परख सपना देती है नजारों से उजालों कि सौगात कोशिश दिलाती है अरमानों को दिशाओं कि समझ सहारा देती है।

इशारों पर एहसासों कि कहानी अंदाज देती है तरानों से उम्मीदों कि तलाश इरादा दिलाती है कदमों को बदलावों कि पुकार सहारा देती है।

इशारों पर एहसासों कि आस पहचान देती है कदमों से अंदाजों कि आस अफसाना दिलाती है नजारों को खयालों कि कहानी सहारा देती है।

इशारों पर एहसासों कि दास्तान आवाज देती है किनारों से अदाओं कि परख कोशिश दिलाती है उम्मीदों को कदमों कि आहट सहारा देती है।

इशारों पर एहसासों कि राह अल्फाज देती है खयालों से उम्मीदों कि पहचान दास्तान दिलाती है लहरों को नजारों कि सोच सहारा देती है।

इशारों पर एहसासों कि सरगम कहानी देती है उम्मीदों से सपनों कि परख रोशनी दिलाती है कदमों को अदाओं कि अहमियत सहारा देती है।

इशारों पर एहसासों कि उमंग पहचान देती है नजारों से लहरों कि सुबह कोशिश दिलाती है उजालों को बदलावों कि रोशनी सहारा देती है।

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