Monday, 24 October 2022

कविता. ४६०४. कोशिश को जज्बातों कि।

                                       कोशिश को जज्बातों कि।

कोशिश को जज्बातों कि मुस्कान सौगात दिलाती है लहरों को इशारों कि सरगम खयाल सुनाती है कदमों को अदाओं कि परख अहमियत दिलाती है।

कोशिश को जज्बातों कि आस रोशनी दिलाती है नजारों को दिशाओं कि पहचान इशारा सुनाती है लम्हों को दास्तानों कि सुबह अहमियत दिलाती है।

कोशिश को जज्बातों कि सोच अरमान दिलाती है एहसासों को उम्मीदों कि आस किनारा सुनाती है नजारों को राहों कि पहचान अहमियत दिलाती है।

कोशिश को जज्बातों कि राह नजारा दिलाती है लम्हों को दास्तानों कि आहट अदा सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि लहर अहमियत दिलाती है।

कोशिश को जज्बातों कि सुबह सपना दिलाती है इशारों को लम्हों कि रोशनी आवाज सुनाती है अंदाजों को किनारों कि सोच अहमियत दिलाती है।

कोशिश को जज्बातों कि आस सरगम दिलाती है उजालों को सपनों कि लहर बदलाव सुनाती है आशाओं को तरानों कि आवाज अहमियत दिलाती है।

कोशिश को जज्बातों कि अदा तलाश दिलाती है लहरों को इशारों कि सोच अफसाना सुनाती है एहसासों को दास्तानों कि पुकार अहमियत दिलाती है।

कोशिश को जज्बातों कि आवाज पहचान दिलाती है उम्मीदों को कदमों कि आहट अंदाज सुनाती है नजारों को खयालों कि समझ अहमियत दिलाती है।

कोशिश को जज्बातों कि दास्तान तराना दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि समझ पुकार सुनाती है लम्हों को इरादों कि सौगात अहमियत दिलाती है।

कोशिश को जज्बातों कि उमंग अरमान दिलाती है नजारों को दिशाओं कि पहचान उजाला सुनाती है आवाजों को अदाओं कि सरगम अहमियत दिलाती है।


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                      खयालों की सरगम अक्सर। खयालों की सरगम अक्सर सपना सुनाती है एहसासों से किनारों की मुस्कान अहमियत दिलाती है अदाओं की धून ...