Friday, 7 October 2022

कविता. ४५८७. सपनों कि लहर अक्सर।

                                        सपनों कि लहर अक्सर।

सपनों कि लहर अक्सर अदाओं कि कोशिश संग सरगम सुनाती है दास्तानों को एहसासों कि पुकार रोशनी दिलाती है लम्हों को खयालों कि सुबह सुनाती है।

सपनों कि लहर अक्सर नजारों कि सोच संग पहचान सुनाती है जज्बातों को कदमों कि आहट अल्फाज दिलाती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह सुनाती है।

सपनों कि लहर अक्सर आशाओं कि उमंग संग अहमियत सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि आस पहचान दिलाती है नजारों को राहों कि सुबह सुनाती है।

सपनों कि लहर अक्सर आवाजों कि धून संग परख सुनाती है उजालों को बदलावों कि सोच अरमान दिलाती है इशारों को अंदाजों कि सुबह सुनाती है।

सपनों कि लहर अक्सर राहों कि पुकार संग खयाल सुनाती है लम्हों को आशाओं कि सरगम कोशिश दिलाती है उम्मीदों को किनारों कि सुबह सुनाती है।

सपनों कि लहर अक्सर इरादों कि कोशिश संग आस सुनाती है तरानों को अरमानों कि राह अफसाना दिलाती है उमंग को राहों कि सुबह सुनाती है।

सपनों कि लहर अक्सर अंदाजों कि सौगात संग राह सुनाती है लम्हों को खयालों कि पुकार रोशनी दिलाती है लहरों को नजारों कि सुबह सुनाती है।

सपनों कि लहर अक्सर जज्बातों कि मुस्कान संग आवाज सुनाती है उम्मीदों को कदमों कि आस सरगम दिलाती है एहसासों को दास्तानों कि सुबह सुनाती है।

सपनों कि लहर अक्सर दिशाओं कि समझ संग अरमान सुनाती है तरानों को अरमानों कि सोच किनारा दिलाती है कदमों को अदाओं कि सुबह सुनाती है।

सपनों कि लहर अक्सर आवाजों कि सरगम संग पुकार सुनाती है अफसानों को अंदाजों कि सौगात खयाल दिलाती है उम्मीदों को इशारों कि सुबह सुनाती है।

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कविता. ५४७८. एक कोशिश अक्सर।

                       एक कोशिश अक्सर। एक कोशिश अक्सर एहसास सुनाती है खयालों संग नजारों की आस अरमान जगाती है किनारों को कदमों की सौगात दिलात...