Saturday, 8 October 2022

कविता. ४५८८. किनारों से कोशिश अक्सर।

                                       किनारों से कोशिश अक्सर।

किनारों से कोशिश अक्सर आशाओं कि तलाश दिलाती है लम्हों को एहसासों कि रोशनी खयाल देती है नजारों को दिशाओं कि समझ सुनाती है।

किनारों से कोशिश अक्सर आवाजों कि धून दिलाती है दास्तानों को अदाओं कि परख कोशिश देती है तरानों को उम्मीदों कि समझ सुनाती है।

किनारों से कोशिश अक्सर जज्बातों कि सोच दिलाती है लहरों को इशारों कि पहचान सहारा देती है बदलावों को एहसासों कि समझ सुनाती है।

किनारों से कोशिश अक्सर अंदाजों कि सौगात दिलाती है उजालों को सपनों कि लहर आस देती है इशारों को आशाओं कि समझ सुनाती है।

किनारों से कोशिश अक्सर राहों कि अहमियत दिलाती है नजारों को उम्मीदों कि पहचान इरादा देती है कदमों को अदाओं कि समझ सुनाती है।

किनारों से कोशिश अक्सर दास्तानों कि परख दिलाती है अदाओं को अरमानों कि पुकार सौगात देती है आवाजों को राहों कि समझ सुनाती है।

किनारों से कोशिश अक्सर अल्फाजों कि मुस्कान दिलाती है अंदाजों को बदलावों कि सोच आस देती है तरानों को अरमानों कि समझ सुनाती है।

किनारों से कोशिश अक्सर एहसासों कि सोच दिलाती है आशाओं को नजारों कि सुबह दास्तान देती है अंदाजों को खयालों कि समझ सुनाती है।

किनारों से कोशिश अक्सर कदमों कि आहट दिलाती है अदाओं को तरानों कि सौगात सरगम देती है आशाओं को बदलावों कि समझ सुनाती है।

किनारों से कोशिश अक्सर राहों कि पहचान दिलाती है खयालों को अरमानों कि पुकार अल्फाज देती है कदमों को उजालों कि समझ सुनाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

                       अरमानों की आहट अक्सर। अरमानों की आहट  अक्सर जज्बात दिलाती है लम्हों को एहसासों की पुकार सरगम सुनाती है तरानों को अफसा...