Thursday, 20 October 2022

कविता. ४६००. दिशाओं कि कहानी से।

                                     दिशाओं कि कहानी से।

दिशाओं कि कहानी से पुकार इशारा देती है लम्हों को खयालों कि समझ आस सुनाती है तरानों पर एहसासों कि सरगम मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी से आस अफसाना देती है नजारों को राहों कि आवाज दास्तान सुनाती है लहरों पर अल्फाजों कि कोशिश मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी से अदा अरमान देती है जज्बातों को किनारों कि सोच तलाश सुनाती है नजारों पर उजालों कि सुबह मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी से आवाज खयाल देती है लहरों को इशारों कि सौगात कोशिश सुनाती है उम्मीदों पर अरमानों कि पुकार मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी से लहर उजाला देती है इरादों को खयालों कि परख सहारा सुनाती है कदमों पर जज्बातों कि सोच मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी से पहचान कोशिश देती है किनारों को सपनों कि समझ सुबह सुनाती है तरानों पर बदलावों कि राह मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी से परख आस देती है लम्हों को दास्तानों कि सौगात अफसाना सुनाती है इरादों पर आशाओं कि सुबह मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी से सुबह दास्तान देती है उम्मीदों को कदमों कि आहट अल्फाज सुनाती है नजारों पर अंदाजों कि सरगम मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी से राह जज्बात देती है तरानों को अरमानों कि उमंग पहचान सुनाती है आशाओं पर बदलावों कि सोच मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं कि कहानी से सरगम सपना देती है इशारों को आशाओं कि सोच सौगात सुनाती है अदाओं पर नजारों कि पुकार मुस्कान दिलाती है।

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