Sunday, 10 December 2023

कविता.५०१६. इशारों को लम्हों की मुस्कान।

                         इशारों को लम्हों की मुस्कान।

इशारों को लम्हों की मुस्कान सहारा देती है दास्तानों को अदाओं की पुकार तराना देती है लहरों को एहसासों की अहमियत तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की मुस्कान सरगम देती है नजारों को दिशाओं की कहानी अफसाना देती है उम्मीदों को कदमों की पहचान तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की मुस्कान कोशिश देती है जज्बातों को अंदाजों की परख सहारा देती है किनारों को अल्फाजों की आस तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की मुस्कान खयाल देती है अरमानों को कदमों की सुबह आवाज देती है आशाओं को बदलावों की उमंग तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की मुस्कान सोच देती है अंदाजों को उजालों की उमंग दास्तान देती है अफसानों को दिशाओं की कहानी तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की मुस्कान नजारा देती है तरानों को आवाजों की धून सौगात देती है अंदाजों को खयालों की सरगम तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की मुस्कान रोशनी देती है किनारों को सपनों की आस पहचान देती है एहसासों को सपनों की सौगात तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की मुस्कान आस देती है बदलावों को राहों की कहानी बदलाव देती है लम्हों को अरमानों की पुकार तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की मुस्कान उमंग देती है लहरों को एहसासों की आहट सुबह देती है आवाजों को कदमों की कोशिश तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की मुस्कान समझ देती है उजालों को सपनों की राह अरमान देती है किनारों को अंदाजों की परख तलाश दिलाती है।


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