Saturday, 16 December 2023

कविता. ५०२२. उम्मीदों संग आशाओं की।

                           उम्मीदों संग आशाओं की।

उम्मीदों संग आशाओं की मुस्कान अक्सर तलाश दिलाती है आवाजों को राहों की सौगात अरमान जगाती है जज्बातों की रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों संग आशाओं की सोच अक्सर बदलाव दिलाती है लम्हों को खयालों की लहर अहमियत जगाती है कदमों की रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों संग आशाओं की सरगम अक्सर तराना दिलाती है दास्तानों को अदाओं की पुकार सुबह जगाती है सपनों की रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों संग आशाओं की आहट अक्सर कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी नजारा जगाती है किनारों की रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों संग आशाओं की उमंग अक्सर आवाज दिलाती है नजारों को खयालों की आस अल्फाज जगाती है इरादों की  रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों संग आशाओं की सौगात अक्सर सपना दिलाती है अफसानों को दिशाओं की सोच किनारा जगाती है अदाओं की रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों संग आशाओं की कोशिश अक्सर इरादा दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह पहचान जगाती है अंदाजों की रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों संग आशाओं की आस अक्सर दास्तान दिलाती है एहसासों को आवाजों की धून अफसाना जगाती है लम्हों की रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों संग आशाओं की राह अक्सर सुबह दिलाती है अफसानों को किनारों की आहट लहर जगाती है आवाजों की रोशनी दिलाती है।

उम्मीदों संग आशाओं की लहर अक्सर खयाल दिलाती है कदमों को उजालों की पुकार कोशिश जगाती है अंदाजों की रोशनी दिलाती है।

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