Wednesday, 27 December 2023

कविता. ५०३३. आस को जज्बातों की।

                           आस को जज्बातों की।

आस को जज्बातों की लहर पुकार दिलाती है कदमों को उजालों की सौगात तराना सुनाती है सपनों को एहसासों की आहट देकर जाती है।

आस को जज्बातों की कहानी कोशिश दिलाती है बदलावों को दिशाओं की आवाज मुस्कान सुनाती है लम्हों को अरमानों की आहट देकर जाती है।

आस को जज्बातों की सोच अफसाना दिलाती है तरानों को उम्मीदों की तलाश इरादा सुनाती है खयालों को अंदाजों की आहट देकर जाती है।

आस को जज्बातों की सरगम सुबह दिलाती है किनारों को दास्तानों की समझ अहमियत सुनाती है नजारों को दिशाओं की आहट देकर जाती है।

आस को जज्बातों की परख सपना दिलाती है अंदाजों को बदलावों की सोच अल्फाज सुनाती है लहरों को इशारों की आहट देकर जाती है।

आस को जज्बातों की उमंग सरगम दिलाती है नजारों को आवाजों की धून उम्मीद सुनाती है अल्फाजों को राहों की आहट देकर जाती है।

आस को जज्बातों की सौगात बदलाव दिलाती है आशाओं को नजारों की सोच अफसाना सुनाती है इरादों को किनारों की आहट देकर जाती है।

आस को जज्बातों की तलाश अरमान दिलाती है अफसानों को लहरों की पुकार पहचान सुनाती है दास्तानों को आशाओं की आहट देकर जाती है।

आस को जज्बातों की पहचान समझ दिलाती है राहों को अंदाजों की परख खयाल सुनाती है कदमों को अल्फाजों की आहट देकर जाती है।

आस को जज्बातों की उम्मीद सहारा दिलाती है उजालों को सपनों की सरगम कोशिश सुनाती है नजारों को दिशाओं की आहट देकर जाती है।

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