Thursday, 14 December 2023

कविता. ५०२०. दास्तान को सपनों की।

                             दास्तान को सपनों की।

दास्तान को सपनों की सुबह अहमियत देती है तरानों को उम्मीदों की कहानी पहचान दिलाती है लहरों को एहसासों संग तलाश दिलाती है।

दास्तान को सपनों की आस अफसाना देती है कदमों को अदाओं की पुकार आहट दिलाती है लम्हों को खयालों संग तलाश दिलाती है।

दास्तान को सपनों की राह अरमान देती है उजालों को एहसासों की रोशनी बदलाव दिलाती है इशारों को किनारों संग तलाश दिलाती है।

दास्तान को सपनों की समझ कोशिश देती है जज्बातों को किनारों की परख आवाज दिलाती है इरादों को आशाओं संग तलाश दिलाती है।

दास्तान को सपनों की उमंग अल्फाज देती है अरमानों को दिशाओं की उम्मीद किनारा दिलाती है अदाओं को कदमों संग तलाश दिलाती है।

दास्तान को सपनों की आवाज जज्बात देती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान अरमान दिलाती है इशारों को लम्हों संग तलाश दिलाती है।

दास्तान को सपनों की सौगात अदा देती है अफसानों को अंदाजों की सरगम पुकार दिलाती है लहरों को बदलावों संग तलाश दिलाती है।

दास्तान को सपनों की कोशिश तराना देती है खयालों को लम्हों की अहमियत परख दिलाती है नजारों को दिशाओं संग तलाश दिलाती है।

दास्तान को सपनों की समझ इशारा देती है अदाओं को तरानों की रोशनी बदलाव दिलाती है उजालों को एहसासों संग तलाश दिलाती है।

दास्तान को सपनों की लम्हा आवाज देती है कदमों को राहों की सौगात जज्बात दिलाती है अरमानों को आवाजों संग तलाश दिलाती है।

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