Tuesday 26 December 2023

कविता. ५०३२. कदमों को उजालों की।

                        कदमों को उजालों की।

कदमों को उजालों की सुबह अफसाना दिलाती है इशारों को लम्हों की पहचान संग आशाओं की कहानी परख दिलाती है लहरों को आस देकर जाती है।

कदमों को उजालों की पुकार खयाल दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी संग आवाजों की धून अहमियत दिलाती है अंदाजों को आस देकर जाती है।

कदमों को उजालों की सौगात सरगम दिलाती है जज्बातों को किनारों की उमंग संग खयालों की मुस्कान अरमान दिलाती है दास्तानों को आस देकर जाती है।

कदमों को उजालों की लहर सपना दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की कोशिश संग आशाओं की सोच अल्फाज दिलाती है इशारों को आस देकर जाती है।

कदमों को उजालों की सोच नजारा दिलाती है दिशाओं को बदलावों की रोशनी संग अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है आशाओं को आस देकर जाती है।

कदमों को उजालों की उमंग आवाज दिलाती है राहों को अरमानों की सुबह संग उम्मीदों की तलाश बदलाव दिलाती है खयालों को आस देकर जाती है।

कदमों को उजालों की परख पहचान दिलाती है अल्फाजों को जज्बातों की पुकार संग राहों की सरगम तराना दिलाती है किनारों को आस देकर जाती है।

कदमों को उजालों की अंदाज अरमान दिलाती है नजारों को राहों की अहमियत संग आशाओं की सोच अफसाना दिलाती है लहरों को आस देकर जाती है।

कदमों को उजालों की समझ किनारा दिलाती है सपनों को खयालों की समझ संग तरानों की सुबह बदलाव दिलाती है दिशाओं को आस देकर जाती है।

कदमों को उजालों की आहट तलाश दिलाती है किनारों को अल्फाजों की मुस्कान संग आशाओं की उमंग खयाल दिलाती है सपनों को आस देकर जाती है।

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