Saturday 23 December 2023

कविता. ५०२९. आशाओं को सपनों की।

                           आशाओं को सपनों की।

आशाओं को सपनों की आहट एहसास दिलाती है दिशाओं को जज्बातों से जुड़ने की सोच अल्फाज सुनाती है उम्मीदों संग किनारे देकर जाती है।

आशाओं को सपनों की सरगम मुस्कान दिलाती है कदमों को अदाओं से जुड़ने की परख आवाज सुनाती है नजारों संग किनारे देकर जाती है।

आशाओं को सपनों की कोशिश अरमान दिलाती है दास्तानों को एहसासों से जुड़ने की उमंग तलाश सुनाती है जज्बातों संग किनारे देकर जाती है।

आशाओं को सपनों की समझ अफसाना दिलाती है तरानों को उजालों से जुड़ने की उम्मीद खयाल सुनाती है अंदाजों संग किनारे देकर जाती है।

आशाओं को सपनों की सुबह परख दिलाती है लम्हों को अदाओं से जुड़ने की समझ तराना सुनाती है अल्फाजों संग किनारे देकर जाती है।

आशाओं को सपनों की राह पुकार दिलाती है खयालों को इशारों से जुड़ने की अदा पहचान सुनाती है इशारों संग किनारे देकर जाती है।

आशाओं को सपनों की आस सोच दिलाती है बदलावों को राहों से जुड़ने की अहमियत कहानी सुनाती है दास्तानों संग किनारे देकर जाती है।

आशाओं को सपनों की पहचान आवाज दिलाती है कदमों को उजालों से जुड़ने की सोच अफसाना सुनाती है लहरों संग किनारे देकर जाती है।

आशाओं को सपनों की सौगात नजारा दिलाती है जज्बातों को अंदाजों से जुड़ने की कोशिश उम्मीद सुनाती है अरमानों संग किनारे देकर जाती है।

आशाओं को सपनों की रोशनी इशारा दिलाती है बदलावों को लहरों से जुड़ने की सुबह परख सुनाती है उजालों संग किनारे देकर जाती है।

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