Wednesday 13 December 2023

कविता. ५०१९. इशारों को लम्हों की आहट।

                           इशारों को लम्हों की आहट।

इशारों को लम्हों की आहट मुस्कान दिलाती है कदमों को अदाओं की पहचान तलाश देकर जाती है जज्बातों को किनारों की पुकार सुबह दिलाती है।

इशारों को लम्हों की आस अफसाना दिलाती है लहरों को नजारों की कहानी बदलाव देकर जाती है आवाजों को राहों की सौगात सुबह दिलाती है।

इशारों को लम्हों की उमंग अहमियत दिलाती है अरमानों को दिशाओं की कोशिश अल्फाज देकर जाती है अंदाजों को दास्तानों की परख सुबह दिलाती है।

इशारों को लम्हों की कोशिश खयाल दिलाती है उजालों को सपनों की आस लहर देकर जाती है एहसासों को उम्मीदों की सोच सुबह दिलाती है।

इशारों को लम्हों की उम्मीद तराना दिलाती है किनारों को राहों की उमंग समझ देकर जाती है अरमानों को बदलावों की मुस्कान सुबह दिलाती है।

इशारों को लम्हों की रोशनी अंदाज दिलाती है जज्बातों को कदमों की पुकार तराना देकर जाती है कदमों को अदाओं की पहचान सुबह दिलाती है।

इशारों को लम्हों की आवाज कोशिश दिलाती है खयालों को अंदाजों की परख अल्फाज देकर जाती है लहरों को सपनों की पुकार सुबह दिलाती है।

इशारों को लम्हों की लहर एहसास दिलाती है सपनों को अरमानों की आहट सरगम देकर जाती है इरादों को कदमों की सौगात सुबह दिलाती है।

इशारों को लम्हों की उमंग खयाल दिलाती है बदलावों को कदमों की पुकार सौगात देकर जाती है अफसानों को आशाओं की कोशिश सुबह दिलाती है।

इशारों को लम्हों की सरगम उजाला दिलाती है अंदाजों को तरानों की बदलाव उमंग देकर जाती है नजारों को खयालों की राह सुबह दिलाती है।

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