Monday 12 February 2024

कविता. ५०८०. राहों को अरमानों की!

                                 राहों को अरमानों की।

राहों को अरमानों की पुकार कोशिश दिलाती है लम्हों को खयालों की समझ अल्फाज सुनाती है किनारों को सपनों की सुबह पहचान देकर जाती है।

राहों को अरमानों की उमंग अल्फाज दिलाती है लहरों को इशारों की उमंग अफसाना सुनाती है कदमों को अदाओं की परख पहचान देकर जाती है।

राहों को अरमानों की सोच एहसास दिलाती है कदमों को उजालों की सुबह बदलाव सुनाती है नजारों को दिशाओं की कहानी पहचान देकर जाती है।

राहों को अरमानों की परख दास्तान दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की पुकार कोशिश सुनाती है आवाजों को नजारों की सरगम पहचान देकर जाती है।

राहों को अरमानों की आस खयाल दिलाती है उजालों को बदलावों की लम्हा इरादा सुनाती है उम्मीदों को लहरों की मुस्कान पहचान देकर जाती है।

राहों को अरमानों की समझ रोशनी दिलाती है दास्तानों को अदाओं की सरगम धून सुनाती है खयालों को एहसासों की कोशिश पहचान देकर जाती है।

राहों को अरमानों की सौगात तलाश दिलाती है किनारों को अल्फाजों की आस तराना सुनाती है अंदाजों को इरादों की कहानी पहचान देकर जाती है।

राहों को अरमानों की कहानी सरगम दिलाती है तरानों को उम्मीदों की तलाश सहारा सुनाती है लहरों को खयालों की सोच पहचान देकर जाती है।

राहों को अरमानों की अदा नजारा दिलाती है लम्हों को खयालों की समझ सरगम सुनाती है दिशाओं को कदमों की आहट पहचान देकर जाती है।

राहों को अरमानों की परख दास्तान दिलाती है उम्मीदों को बदलावों की पुकार सहारा सुनाती है इशारों को आशाओं की मुस्कान पहचान देकर जाती है।

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                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...