Monday, 19 February 2024

कविता. ५०८७. किनारों को सपनों संग।

                            किनारों को सपनों संग।

किनारों को सपनों संग आवाज दिलाती है एहसासों से उम्मीदों की परख तलाश सुनाती है नजारों को दिशाओं की कहानी अहमियत देती है।

किनारों को सपनों संग उजाला दिलाती है तरानों से दिशाओं की आस अल्फाज सुनाती है लम्हों को खयालों की अदा अहमियत देती है।

किनारों को सपनों संग उमंग दिलाती है लहरों से कदमों की सोच अरमान सुनाती है जज्बातों को अफसानों की कोशिश अहमियत देती है।

किनारों को सपनों संग समझ दिलाती है लम्हों से आवाजों की धून सरगम सुनाती है एहसासों को दास्तानों की तलाश अहमियत देती है।

किनारों को सपनों संग अंदाज दिलाती है आशाओं से अरमानों की पुकार पहचान सुनाती है तरानों को उजालों की सुबह अहमियत देती है।

किनारों को सपनों संग अल्फाज दिलाती है नजारों से जज्बातों की कहानी सौगात सुनाती है दिशाओं को बदलावों की सोच अहमियत देती है।

किनारों को सपनों संग सरगम दिलाती है आवाजों से दिशाओं की कोशिश समझ सुनाती है इरादों को अंदाजों की आस अहमियत देती है।

किनारों को सपनों संग तलाश दिलाती है दास्तानों से अदाओं की परख सहारा सुनाती है खयालों को लहरों की कहानी अहमियत देती है।

किनारों को सपनों संग उम्मीद दिलाती है अरमानों से आशाओं की पुकार बदलाव सुनाती है इशारों को अल्फाजों की सौगात अहमियत देती है।

किनारों को सपनों संग आहट दिलाती है कदमों से धाराओं की परख अफसाना सुनाती है उजालों को एहसासों की रोशनी अहमियत देती है।

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