Friday 9 February 2024

कविता. ५०७७. नजारों को दिशाओं संग।

                          नजारों को दिशाओं संग।

नजारों को दिशाओं संग पहचान कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों संग आस तलाश दिलाती है कदमों को उजालों की सुबह समझ सुनाती है।

नजारों को दिशाओं संग पुकार सहारा दिलाती है उम्मीदों को कदमों संग आहट तराना दिलाती है अंदाजों को इरादों की आस समझ सुनाती है।

नजारों को दिशाओं संग आवाज मुस्कान दिलाती है राहों को सपनों संग कोशिश उमंग दिलाती है इशारों को दास्तानों की परख समझ सुनाती है।

नजारों को दिशाओं संग जज्बात खयाल दिलाती है अदाओं को दिशाओं संग पहचान सरगम दिलाती है एहसासों को राहों की सौगात समझ सुनाती है।

नजारों को दिशाओं संग उमंग तराना दिलाती है किनारों को अल्फाजों संग राह दास्तान दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी समझ सुनाती है।

नजारों को दिशाओं संग रोशनी सौगात दिलाती है तरानों को अरमानों संग रोशनी खयाल दिलाती है जज्बातों को इशारों की पुकार समझ सुनाती है।

नजारों को दिशाओं संग अंदाज किनारा दिलाती है अफसानों को खयालों संग अदा इरादा दिलाती है अंदाजों को लहरों की सोच समझ सुनाती है।

नजारों को दिशाओं संग तलाश रोशनी दिलाती है इरादों को उम्मीदों संग परख उमंग दिलाती है आवाजों को बदलावों की लहर समझ सुनाती है।

नजारों को दिशाओं संग आस सपना दिलाती है खयालों को तरानों संग सरगम किनारा दिलाती है उम्मीदों को दिशाओं की कहानी समझ सुनाती है।

नजारों को दिशाओं संग परख दास्तान दिलाती है अल्फाजों को राहों संग अहमियत बदलाव दिलाती है एहसासों को आशाओं की मुस्कान समझ सुनाती है।

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