Wednesday, 14 February 2024

कविता. ५०८२. लम्हों की कहानी चुपके से।

                            लम्हों की कहानी चुपके से।

लम्हों की कहानी चुपके से उम्मीद जगाती है दिशाओं को बदलावों की समझ सरगम सुनाती है नजारों को सपनों की पहचान दिलाती है।

लम्हों की कहानी चुपके से अरमान जगाती है कदमों को अदाओं की कोशिश अफसाना सुनाती है जज्बातों को किनारों की पहचान दिलाती है।

लम्हों की कहानी चुपके से अल्फाज जगाती है किनारों को अंदाजों की परख बदलाव सुनाती है आशाओं को दिशाओं की पहचान दिलाती है।

लम्हों की कहानी चुपके से आस जगाती है तरानों को उम्मीदों की सुबह अहमियत सुनाती है एहसासों को इशारों की पहचान दिलाती है।

लम्हों की कहानी चुपके से आवाज जगाती है अदाओं को राहों की सौगात मुस्कान सुनाती है उजालों को खयालों की पहचान दिलाती है।

लम्हों की कहानी चुपके से एहसास जगाती है राहों को उम्मीदों की राह तलाश सुनाती है अल्फाजों को लहरों की पहचान दिलाती है।

लम्हों की कहानी चुपके से अंदाज जगाती है दास्तानों को एहसासों की आहट दास्तान सुनाती है अरमानों को दिशाओं की पहचान दिलाती है।

लम्हों की कहानी चुपके से कोशिश जगाती है अंदाजों को इरादों की उमंग आस सुनाती है अफसानों को लहरों की पहचान दिलाती है।

लम्हों की कहानी चुपके से सरगम जगाती है सपनों को आवाजों की धून मुस्कान सुनाती है तरानों को उम्मीदों की पहचान दिलाती है।

लम्हों की कहानी चुपके से खयाल जगाती है इशारों को लहरों की कोशिश अहमियत सुनाती है कदमों को अदाओं की पहचान दिलाती है।

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