Saturday 3 February 2024

कविता. ५०७१. आवाजों को आस संग।

                             आवाजों को आस संग।

आवाजों को आस संग दास्तानों की परख पहचान सुनाती है नजारों की समझ अक्सर उम्मीद दिलाती है लहरों को किनारों की पुकार अरमान जगाती है।

आवाजों को आस संग अंदाजों की रोशनी अहमियत सुनाती है तरानों की सौगात अक्सर उमंग दिलाती है लम्हों को अफसानों की समझ अरमान जगाती है।

आवाजों को आस संग कदमों की आहट अल्फाज सुनाती है लम्हों की कोशिश अक्सर तराना दिलाती है जज्बातों को खयालों की सुबह अरमान जगाती है।

आवाजों को आस संग किनारों की मुस्कान उमंग सुनाती है आशाओं की सोच अक्सर बदलाव दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी अरमान जगाती है।

आवाजों को आस संग बदलावों की समझ तलाश सुनाती है लहरों की पहचान अक्सर अहमियत दिलाती है राहों को अंदाजों की कोशिश अरमान जगाती है।

आवाजों को आस संग तरानों की पुकार बदलाव सुनाती है उम्मीदों की कहानी अक्सर तलाश दिलाती है उजालों को सपनों की परख अरमान जगाती है।

आवाजों को आस संग एहसासों की उमंग खयाल सुनाती है जज्बातों की कोशिश अक्सर आहट दिलाती है कदमों को अदाओं की उम्मीद अरमान जगाती है।

आवाजों को आस संग इरादों की कहानी अफसाना सुनाती है इशारों की समझ अक्सर कोशिश दिलाती है किनारों को सपनों की सुबह अरमान जगाती है।

आवाजों को आस संग नजारों की राह दास्तान सुनाती है किनारों की आहट अक्सर उम्मीद दिलाती है लम्हों को अदाओं की सौगात अरमान जगाती है।

आवाजों को आस संग अफसानों की लहर जज्बात सुनाती है बदलावों की परख अक्सर खयाल दिलाती है नजारों को राहों की मुस्कान अरमान जगाती है।

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