Sunday 18 February 2024

कविता. ५०८६. कदमों को आस अक्सर।

                            कदमों को आस अक्सर।

कदमों को आस अक्सर आशाओं की मुस्कान दिलाती है लहरों को इशारों की समझ सपनों की कहानी सुनाती है लम्हों को खयालों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को आस अक्सर अरमानों की पुकार दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की परख सरगम सुनाती है तरानों को उम्मीदों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को आस अक्सर आवाजों की धून दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह पहचान सुनाती है खयालों को इशारों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को आस अक्सर जज्बातों की कहानी दिलाती है उम्मीदों को किनारों की पुकार सहारा सुनाती है एहसासों को राहों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को आस अक्सर अल्फाजों की तलाश दिलाती है बदलावों को दास्तानों की आहट सरगम सुनाती है अंदाजों को उजालों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को आस अक्सर नजारों की राह दिलाती है अफसानों को आशाओं की सौगात एहसास सुनाती है इरादों को सपनों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को आस अक्सर खयालों की समझ दिलाती है अंदाजों को एहसासों की धून अहमियत सुनाती है आवाजों को बदलावों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को आस अक्सर उजालों की उमंग दिलाती है खयालों को अल्फाजों की आहट जज्बात सुनाती है राहों को इरादों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को आस अक्सर किनारों की धून दिलाती है एहसासों को अदाओं की पुकार खयाल सुनाती है तरानों को सपनों की कोशिश दिलाती है।

कदमों को आस अक्सर अफसानों की सोच दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी सौगात सुनाती है लम्हों को किनारों की कोशिश दिलाती है।

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