Thursday, 29 February 2024

कविता. ५०९७. खयालों को अंदाजों संग।

                            खयालों को अंदाजों संग।

खयालों को अंदाजों संग नजारों की कहानी सुनाती है तरानों को अरमानों से तलाश दिलाती है आवाजों को अदाओं का अल्फाज दिलाती है।

खयालों को अंदाजों संग जज्बातों की कोशिश सुनाती है लम्हों को किनारों से आहट दिलाती है लहरों को एहसासों का अल्फाज दिलाती है।

खयालों को अंदाजों संग अफसानों की रोशनी सुनाती है कदमों को उजालों से उमंग दिलाती है सपनों को अरमानों का अल्फाज दिलाती है।

खयालों को अंदाजों संग दास्तानों की सुबह सुनाती है इशारों को आशाओं से नजारा दिलाती है कदमों को उमंगों का अल्फाज दिलाती है।

खयालों को अंदाजों संग किनारों की सौगात सुनाती है नजारों को दिशाओं से आवाज दिलाती है लम्हों को उम्मीदों का अल्फाज दिलाती है।

खयालों को अंदाजों संग एहसासों की समझ सुनाती है उजालों को बदलावों से आस दिलाती है इरादों को दास्तानों का अल्फाज दिलाती है।

खयालों को अंदाजों संग इशारों की सरगम सुनाती है एहसासों को उम्मीदों से धारा दिलाती है किनारों को लहरों का अल्फाज दिलाती है।

खयालों को अंदाजों संग अरमानों की पुकार सुनाती है इशारों को लम्हों से कोशिश दिलाती है अफसानों को आशाओं का अल्फाज दिलाती है।

खयालों को अंदाजों संग राहों की अहमियत सुनाती है जज्बातों को आवाजों से धून दिलाती है अरमानों को सपनों का अल्फाज दिलाती है।

खयालों को अंदाजों संग सपनों की पहचान सुनाती है इशारों को आशाओं से पुकार दिलाती है नजारों को दिशाओं का अल्फाज दिलाती है।

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