Tuesday 20 February 2024

कविता. ५०८८. उम्मीदों को कदमों की।

                              उम्मीदों को कदमों की।

उम्मीदों को कदमों की सोच अफसाना सुनाती है किनारों को सपनों की सुबह पहचान देकर जाती है इशारों को लम्हों की कहानी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की आहट अरमान सुनाती है नजारों को दिशाओं की समझ सरगम देकर जाती है एहसासों को अदाओं की कहानी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की तलाश पुकार सुनाती है दास्तानों को आशाओं की मुस्कान उमंग देकर जाती है जज्बातों को तरानों की कहानी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की परख सरगम सुनाती है दिशाओं को अल्फाजों की आस उजाला देकर जाती है आवाजों को राहों की कहानी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की रोशनी अंदाज सुनाती है तरानों को अरमानों की सोच सपना देकर जाती है नजारों को खयालों की कहानी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की राह मुस्कान सुनाती है कदमों को अदाओं की पुकार तलाश देकर जाती है अंदाजों को इरादों की कहानी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की लहर अल्फाज सुनाती है उजालों को आवाजों की आहट सरगम देकर जाती है लम्हों को बदलावों की कहानी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की कोशिश तलाश सुनाती है जज्बातों को अंदाजों की परख आवाज देकर जाती है किनारों को राहों की कहानी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की उमंग बदलाव सुनाती है आशाओं को धाराओं की पुकार अरमान देकर जाती है अरमानों को एहसासों की कहानी दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की समझ खयाल सुनाती है किनारों को राहों की सुबह आवाज देकर जाती है अफसानों को लहरों की कहानी दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...