Saturday 17 February 2024

कविता. ५०८५. इरादों संग अरमानों की।

                              इरादों संग अरमानों की।

इरादों संग अरमानों की पुकार सहारा देती है कदमों को आशाओं की मुस्कान इशारा देती है किनारों को सपनों की आहट सुनाती है।

इरादों संग अरमानों की परख पहचान देती है दास्तानों को अल्फाजों की आस अफसाना देती है उम्मीदों को राहों की आहट सुनाती है।

इरादों संग अरमानों की उमंग खयाल देती है तरानों को उजालों की पुकार अहमियत देती है बदलावों को दिशाओं की आहट सुनाती है।

इरादों संग अरमानों की आस अल्फाज देती है नजारों को राहों की सौगात दास्तान देती है जज्बातों को अंदाजों की आहट सुनाती है।

इरादों संग अरमानों की समझ सरगम देती है कोशिश को सपनों की परख आस देती है दास्तानों को एहसासों की आहट सुनाती है।

इरादों संग अरमानों की सोच लहर देती है जज्बातों को आवाजों की पुकार कोशिश देती है उजालों को लहरों की आहट सुनाती है।

इरादों संग अरमानों की तलाश लम्हा देती है दिशाओं को कदमों की समझ सरगम देती है आशाओं को खयालों की आहट सुनाती है।

इरादों संग अरमानों की उम्मीद आवाज देती है उम्मीदों को लहरों की सुबह तलाश देती है कदमों को लम्हों की आहट सुनाती है।

इरादों संग अरमानों की सौगात इशारा देती है आवाजों को राहों की पहचान दास्तान देती है किनारों को अल्फाजों की आहट सुनाती है।

इरादों संग अरमानों की सुबह मुस्कान देती है दिशाओं को कदमों की आस तराना देती है बदलावों को अंदाजों की आहट सुनाती है।

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