Thursday 8 February 2024

कविता. ५०७६. आवाज संग आशाओं की।

                          आवाज संग आशाओं की।

आवाज संग आशाओं की तलाश किनारा देती है इशारों को लम्हों की पहचान सहारा दिलाती है लहरों को कदमों की पुकार सुबह देती है।

आवाज संग आशाओं की मुस्कान नजारा देती है अदाओं को अदाओं की परख सरगम दिलाती है उजालों को सपनों की सोच सुबह देती है।

आवाज संग आशाओं की कोशिश उमंग देती है नजारों को दिशाओं की कहानी सौगात दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की राह सुबह देती है।

आवाज संग आशाओं की रोशनी खयाल देती है अंदाजों को बदलावों की सोच इरादा दिलाती है अल्फाजों को दिशाओं की कहानी सुबह देती है।

आवाज संग आशाओं की उम्मीद दास्तान देती है लहरों को एहसासों की सौगात सपना दिलाती है खयालों को तरानों की पुकार सुबह देती है।

आवाज संग आशाओं की राह अरमान देती है किनारों को अल्फाजों की आस अफसाना दिलाती है जज्बातों को दास्तानों की आहट सुबह देती है।

आवाज संग आशाओं की समझ सपना देती है अदाओं को दास्तानों की परख पहचान दिलाती है खयालों को एहसासों की रोशनी सुबह देती है।

आवाज संग आशाओं की आस उजाला देती है बदलावों को दिशाओं की समझ सरगम दिलाती है लहरों को नजारों की मुस्कान सुबह देती है।

आवाज संग आशाओं की पुकार सहारा देती है इशारों को लम्हों की कोशिश अहमियत दिलाती है अरमानों को दास्तानों की आस सुबह देती है।

आवाज संग आशाओं की सोच अफसाना देती है राहों को अंदाजों की आस अरमान दिलाती है लम्हों को इरादों की कहानी सुबह देती है।


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