Monday 26 February 2024

कविता. ५०९४. आशाओं की राह सुहानी।

                          आशाओं की राह सुहानी।

आशाओं की राह सुहानी दिशाओं मे उम्मीद भरती है एहसासों को लम्हों की पहचान सहारा देकर चलती है किनारों को सपनों की आस इरादा देती है।

आशाओं की राह सुहाने अंदाजों मे तराना भरती है अरमानों को सपनों की कोशिश अल्फाज देकर चलती है नजारों को खयालों की सोच इरादा देती है।

आशाओं की राह सुहाने अरमानों मे आस भरती है दास्तानों को अंदाजों की परख आहट देकर चलती है उजालों को जज्बातों की मुस्कान इरादा देती है।

आशाओं की राह सुहाने नजारों मे आवाज भरती है जज्बातों को कदमों की आस खयाल देकर चलती है एहसासों को दास्तानों की पुकार इरादा देती है।

आशाओं की राह सुहानी उम्मीदों मे तलाश भरती है आवाजों को बदलावों की आहट उजाला देकर चलती है खयालों को उजालों की समझ इरादा देती है।

आशाओं की राह सुहाने अफसानों मे उजाला भरती है अल्फाजों को सपनों की लहर अदा देकर चलती है कदमों को बदलावों की मुस्कान इरादा देती है।

आशाओं की राह सुहानी सुबह मे मुस्कान भरती है जज्बातों को दास्तानों की आवाज कोशिश देकर चलती है लम्हों को आवाजों की धून इरादा देती है।

आशाओं की राह सुहानी तलाश मे उमंग भरती है अंदाजों को किनारों की पुकार परख देकर चलती है अफसानों को दिशाओं की आहट इरादा देती है।

आशाओं की राह सुहानी दास्तानों मे खयाल भरती है लहरों को अंदाजों की सरगम उम्मीद देकर चलती है अरमानों को सपनों की अहमियत इरादा देती है।

आशाओं की राह सुहानी कदमों मे जज्बात भरती है दास्तानों को अल्फाजों की कोशिश सरगम देकर जाती है किनारों को इशारों की रोशनी इरादा देती है।

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